कलाधारी बाबा बालक नाथ जी की आरती

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे

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Last updated Mon, 20-Mar-2023 Hindi-gujarati

ॐ जय कलाधारी हरे,

स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया,

दस जनों की नैया, भव से पार करे,

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

बालक उमर सुहानी, नाम बालक नाथा,

अमर हुए शंकर से, सुन के अमर गाथा ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

शीश पे बाल सुनैहरी, गले रुद्राक्षी माला,

हाथ में झोली चिमटा, आसन मृगशाला ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

सुंदर सेली सिंगी, वैरागन सोहे,

गऊ पालक रखवालक, भगतन मन मोहे ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी,

भय भज्जन दुःख नाशक, भरथरी के संगी ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

रोट चढ़त रविवार को, फल, फूल मिश्री मेवा,

धुप दीप कुदनुं से, आनंद सिद्ध देवा ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

भक्तन हित अवतार लियो, प्रभु देख के कल्लू काला,

दुष्ट दमन शत्रुहन, सबके प्रतिपाला ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

श्री बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे,

कहते है सेवक तेरे, मन वाच्छित फल पावे ।

ॐ जय कलाधारी हरे ॥

 ॐ जय कलाधारी हरेस्वामी जय पौणाहारी हरे,

भक्त जनों की नैया, भव से पार करे,